

गणित एव फलित ज्योतिशास्त्र के दोनों ही पक्षों में “लग्न ” का बड़ा महत्व है ! ज्योतिष में लग्न को बीज कहा गया है ! ज्योतिष में गणित की समस्या को कम्प्यूटर ने समाप्त कर दी परन्तु फलादेश की विकटता ज्यों की त्यों मजूद है ! बिना सही फलादेश के ज्योतिष की स्थिति निर्गंध पुष्प के समान है कई बार विद्वान् व्यक्ति भी , व्यवसायिक पंडित आदि , जन्मकुंडली पर शास्त्रीय फलादेश करने से घबराते है ! कतराते है ! अतः इस कमी को दूर करने के लिए पुस्तक का लेखन प्रत्येक लग्न के हिसाब से अलग अलग पुस्तके लिखकर किया जा रहा है ! ताकि फलित ज्योतिष के क्षेत्र में एक नया मार्ग प्रशस्त हो सके !



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