युवा शक्ति
बढ़ युवा तू नेंक रास्ते पर, अभी कुछ करना काम है !
भर युवा शक्ति तू मन में क्योंकि करना अब नया संग्राम है !!
विश्वास की नगरी में सच्चे कर्म की, ये युवा की पहचान है !
रचना नया इतिहास है हम सबको फिर कर्मों का ही गुणगान है !!
अविराम निश्चय बढ़ने पर हमको मिलनी रशीली शाम है !
बढ़ युवा तू नेंक रास्ते पर क्योंकि अभी शेष तुम्हारा काम है...!!
बाधाओं को स्वीकार कर, संघर्ष करना युवाओ की पहचान है !
शत्रुओं को मित्रता का ताज देना ही युवाओं की खास बात है !!
कभी ख़ुशी कभी गम अगर हार मान जाये तो गलत बात है !!
बढ़ युवा तू नेंक रास्ते पर क्योंकि अभी शेष तुम्हारा काम है...!!
संभालकर जिह्वा तू मुख से बोल और इसमें प्रेम का फिर लार भर !
मन भी तो तेरा चंचल है और इसमें तनिक ज्ञान भंडार भर !!
मिलेंगी ख्याति तुझको जगत में ये तेरा परिणाम है !
बढ़ युवा तू नेंक रास्ते पर क्योंकि अभी शेष तुम्हारा काम है...!!
हे क्षत्राणी तेरे हाथों में लक्ष्मीबाई की शक्ति है !
नयनों में तेरे मीरा सी भक्ति कृष्ण की बसती है !!
निज लाज हित कर ले जौहर तू माँ पद्मा की संतान है !
बढ़ो युवतियों नेंक रास्ते पर क्योंकि अभी शेष तुम्हारा काम है...!!
नौजवानों की धरा दुनिया जिसे है स्वीकारती !
इनके तपस्या -त्याग से सजती धरा माँ भारती !!
निज त्याग में तू विवेकानंद और ज्ञान में तू कलाम है !
बढ़ो युवतियों नेंक रास्ते पर अभी शेष तुम्हारा काम है !!
Post a Comment