एक सामाजिक चिन्तन - अपराध का मूल कारण हमारी इच्छाओं और मान्यता का होना है | Gyansagar ( ज्ञानसागर )
नमस्कार पाठको ! बीते दिनों काफी दिनों से परेशान और व्यथित था ! कहीं न कहीं समाज की मान्यताओं को …
नमस्कार पाठको ! बीते दिनों काफी दिनों से परेशान और व्यथित था ! कहीं न कहीं समाज की मान्यताओं को …
।।अथ इंद्रकृत महालक्ष्मी अष्टकम ( महालक्ष्मी स्तोत्रम् )।। नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजित…
ध्यानम् गलदरक्तमुण्डावलीकण्ठमाला महाघोररावा सुदंष्ट्रा कराला। विवस्त्रा श्मशानालया मुक्तकेशी महाक…
॥अथ श्री गणेशाष्टकम्॥ श्री गणेशाय नमः। सर्वे उचुः। यतोऽनन्तशक्तेरनन्ताश्च जीवा यतो निर्गुणादप्रम…
भजे विशेषसुन्दरं समस्तपापखण्डनम् । स्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव राममद्वयम् ॥ १॥ जटाकलापशोभितं समस्तपा…
वसुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दनम् | देवकी परमानंदं कृष्णं वंदे जगद्गुरुम् ‖ अतसी पुष्प संकाशं ह…
“मैं हूँ बुद्धि मलीन अति, श्रद्धा भक्ति विहीन करूं विनय कछु आपकी, हौं सब ही विधि दीन जै जै नी…
भगवान भैरव शिव के स्वरूप हैं। वे कलियुग की बाधाओं का शीघ्र निवारण करने वाले देवता माने जाते हैं।…
जी हाँ , चलिए बताता हूँ कैसे , अभी रात के 2:35 हो रहे है , रोज जोश टॉक के वीडियो देखकर सोता हूँ …