एक सच्ची कहानी - गूगल पर सर्च कर लीजिये | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


विवाह उपरांत राकेश और रीता बहुत खुश थे क्योंकि दोनों को अपना मनपसन्द जीवनसाथी जो मिल गया था !! हंसी-ख़ुशी सब सही चल रहा था पर बेटी को विदा करने का गम रीता की माँ को ज्यादा सहा नही गया और महज चार हफ्ते बाद ही रीता-राकेश को मिलने के लिए रीता के माता-पिता ने उन्हें फ़ोन करके आने के लिए कहा ! मुंबई से दिल्ली शादी के बाद पहली बार दोनों जा ही रहे थे कि राकेश को बहुत जरूरी कुछ काम आ गया जिसे टालना बहुत ही ज्यादा नुकसानदायक होता इसीलिए राकेश ने रीता के साथ अपनी माँ को भेजने का फैसला कर लिया ! नइ नई शादी के बाद दोनों को अलग रहने का मन बिलकुल नही था पर जाना तो जरूरी था ! एयरपोर्ट पर पहुंचकर राकेश और रीता की आँखे पूरी नम हो चुकी थी !! आखिरकार फ्लाइट का टाइम हो गया और वे चले गये ! राकेश अलग रो रहा था और रीता अलग मायूस आंखे लेकर चुप-चाप माँ के साथ सफर करती हुयी दिल्ली पहुँच गयी !! 

दिल्ली पहुंचकर रीता के माता-पिता बहुत खुश हुए और अच्छे से उनकी खातिर-दारी हुयी ! रात होते ही दोनों सास-बहु को राकेश के रात के खाने की चिंता पड़ी क्योंकि उसे खाना बनाने नही आता था ! फोन पे रीता ने कई मेसेज किये और कॉल किये पर व्यस्त होने से रीता परेशान और गुस्सा लगभग हो गयी !! अपने में ही कहने लग गयी ! मुझसे ज्यादा जरूरी काम कौन सा आ गया जो फोन नही उठा रहे है !! क्या हो गया इन्हें ? पहले तो कभी ऐसा नही किया !! माँ समझ गयी थी कि जरुर काम कर रहा होगा क्योंकि माँ बचपन से राकेश को जानती थी , कोई भी काम करता था तो उसे करके ही छोड़ता था चाहे भूख,प्यार कुछ भी क्यों न हो उसकी कोई फ़िक्र नही करता था !! माँ ने कहा बहु को सो जा ,कल बात कर लेना ! मै यहाँ से फ़ोन करके बिमला रसोईया को लगवा दूंगी खाना बनाने के लिए !! पर रीता बहुत परेशान हो रही थी, उसके फ़ोन और मेसेज का इंतजार करते करते १२ बजे गये !! 

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तभी राकेश का मेसेज आया कि अभी कुछ खाया नही है और मैग्गी भी नही ले पाया ! ऑफिस से आते समय सब बंद हो गया था ! कोई रेसिपी बता दो अच्छी सी जल्दी वाली जिसे बनाकर पेट भर जाये !! असल में राकेश जानता था रीता के १० मेसेज और ५ कॉल उसकी फ़िक्र के लिए थे इसीलिए उसने झूठ बोलकर जानबुझकर कहा कि मैग्गी नही लिया असल में राकेश को रीता से बात करने के लिए एक वजह चाहिए थी जिससे बात करके एक अच्छी नींद ले सके ! और यही रीता भी चाहती थी पर ऑफिस के जरूरी कॉल के कारण राकेश मजबूर था फोन नही उठाने के लिए !! अब तक रीता का गुस्सा सातवें आसमान में था !! तुरंत जवाब आया कि ऐसा कौन सा काम आ गया जो मेरे-माँ से बढ़कर है ?? हम कब से आपकी इतनी फ़िक्र कर रहे है ! इतना परेशान हो रहे है और आप है कि २ मिनट कहकर ये नही बता सकते कि ऑफिस का फ़ोन है !! राकेश कुछ लिखता उससे पहले ही एक और मेसेज आया रेसिपी भी आप फोन से देख लिए ! गूगल पर सर्च कर लीजिये और ये लिखने के बाद राकेश जी ओके कहकर बिना खाए ही सो गया !! उसे आशा नही थी कि रीता ऐसा जवाब उसे देगी !! अधैर्य होने के कारण रीता राकेश की मजबूरी नही समझ पायी ! बेशक ये गुस्सा,फ़िक्र प्यार के लिए था और अपने जगह सही भी था पर इससे राकेश को जो बुरा लगा वो बेचारा बता भी नही पाया और उसके बाद अगले पल से ही उसने सोच लिया कि अब किसी भी काम के लिए रीता से मदद नही मानूंगा चाहे कितनी भी जरूरत क्यों न हो !! आज लोग मदद मांगने य मेसेज करने को गलत मान लेते है लेकिन एक वजह कइयो को नही मिल पाती सम्पर्क में रहने के लिए तो कुछ के वजह भी ऐसे होते है जो आश्चर्यजनक होते है !! अगर रिश्तो में ऐसे ही गूगल और तकनीक की चीजे आती रही तो जल्द ही सामाजिकता खत्म होने की कगार पे होगी !! फोन नही उठाना,मेसेज का जवाब नही देना इसके कई कारण हो सकते है और एक गलफहमी आपके अच्छे खासे रिश्ते में कड़वाहट डालने के लिए काफी होती है इसीलिए कोशिश कीजिये कि धैर्य से सबकी बात सुनी जाये और कही जाये क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि रीता जैसी मामूली सी गलती कोई मेरा पोस्ट पढ़ने वाला करें और राकेश जैसा कष्ट किसी को भी हो !!!!

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सारांश सागर

सारांश सागर द्वारा प्रकाशित किया गया

अनुभव को सारांश में बताकर स्वयं प्रेरित होकर सबको प्रेरित करना चाहता हूँ !                


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