एक शिक्षाप्रद कहानी - कड़वी हकीकत ! | Inspirational Story In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )



एक शिक्षाप्रद कहानी - कड़वी हकीकत ! | Inspirational Story In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

एक भिखारी था ! वह न ठीक से खाता था, न पीता था, जिस वजह से उसका बूढ़ा शरीर सूखकर कांटा हो गया था ! उसकी एक-एक हड्डी गिनी जा सकती थी ! उसकी आंखों की ज्योति चली गई थी ! उसे कोढ़ हो गया था ! बेचारा रास्ते के एक ओर बैठकर गिड़गिड़ाते हुए भीख मांगा करता था ! एक युवक उस रास्ते से रोज निकलता था ! भिखारी को देखकर उसे बड़ा बुरा लगता ! उसका मन बहुत ही दुखी होता ! वह सोचता, वह क्यों भीख मांगता है ? जीने से उसे मोह क्यों है ? भगवान उसे उठा क्यों नहीं लेते ? एक दिन उससे न रहा गया ! वह भिखारी के पास गया और बोला- “बाबा, तुम्हारी ऐसी हालत हो गई है फिर भी तुम जीना चाहते हो ? तुम भीख मांगते हो, पर ईश्वर से यह प्रार्थना क्यों नहीं करते कि वह तुम्हें अपने पास बुला ले ? भिखारी ने मुंह खोला – “भैया तुम जो कह रहे हो, वही बात मेरे मन में भी उठती है ! मैं भगवान से बराबर प्रार्थना करता हूं, पर वह मेरी सुनता ही नहीं ! शायद वह चाहता है कि मैं इस धरती पर रहूं, जिससे दुनिया के लोग मुझे देखें और समझें कि एक दिन मैं भी उनकी ही तरह था ! लेकिन वह दिन भी आ सकता है, जबकि वे मेरी तरह हो सकते हैं ! इसलिए किसी को घमंड नहीं करना चाहिए " ! लड़का भिखारी की ओर देखता रह गया ! उसने जो कहा था, उसमें कितनी बड़ी सच्चाई समाई हुई थी ! यह जिंदगी का एक कड़वा सच था, जिसे मानने वाले प्रभु की सीख भी मानते है !




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