My First Interaction With Mr. Sandeep Marwah Ji In Marwah Studio | Saransh Sagar ( सारांश सागर )

My First Interaction With Mr. Sandeep Marwah Ji In Marwah Studio | Saransh Sagar ( सारांश सागर )

रोजमर्रा के जीवन में हम तमाम लोगो से मिलते है और शायद उनको कभी याद रखते है तो कभी भूल जाते है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते है जिन्हें पहली नजर में देखते ही प्यार हो जाता है ! जी हाँ , ऐसे श्रेणी वाले व्यक्ति में मै अपना नाम शामिल करूँगा !! और मेरे साथ लोगो का भी यही नजरिया देखने को मिला है !
ऐसा इसीलिए लिख रहा हूँ क्योंकि ज्ञानसागर ब्लॉग में पिछले साल शायद नवम्बर का महीना होगा जब मैंने Aaft ( Asia Academy Of Film & Telivision ) का प्रचार मेरे ज्ञानसागर ब्लॉग पर देखा !! क्योंकि एक्टिंग ,संगीत , म्यूजिक,डांस,एक्शन बचपन से पसंद था तो जिज्ञासा वश मैंने लिंक पर क्लिक किया और उस वेबसाइट पर चला गया जहाँ इन एक्टिंग कोर्सेस के लिए एडमिशन होते है ! थोड़ा और समय बिताने पर पता चला कि उसके संचालक और संस्थापक  Mr. Sandeep Marwah जी है ! इनकी शक्ल देखते ही एकाएक इनके उप्पर आँखे टिक सी गयी और इनको फॉलो करना तब से शुरू कर दिया !! शक्ल देख के ही अनुमान लगा लिया कि ये काफी पॉजिटिव एनर्जी से परिपूर्ण है ! वैसे तो पद्मिनी कोल्हापुरी जी से मिलने की तीव्र इच्छा शुरू से रही है लेकिन इनको देखने के बाद इनसे मिलने की संभावना अधिक हो गयी थी क्योंकि नॉएडा शहर में मिलना थोड़ा आसान था ! हर सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ने के कारण , लेखक के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन जनवरी में आयोजित होना था जिसमे सभी लेखक व् ब्लॉगर आमंत्रित थे और बस इसी पल का मै इंतजार कर रहा था मानो कोई ठोस कारण मिल जाये जाने का ! और मै गया जहाँ मेरी मुलाकात पहले सुशील भारती जी से हुयी , जिन्होंने मेरा पहले परिचय जाना और जब अपना परिचय बताया तो अच्छा लगा और मन में एक डर भी था कि आयु कम होने के कारण क्या पता मुझे लेखक मानेंगे य नही ! और शक्ल भी बच्चे जैसी ! इसीलिए पहले ही prepare होकर गया था ! फटाक से अपना ज्ञानसागर ब्लॉग दिखा दिया और उनके अनूमित के साथ मै अंदर गया जहाँ ओवल शेप में काफी सारी चेयर्स थी और शायद मै तीसरा व्यक्ति जो उसमे प्रवेश किया था !
वहां क्या क्या हुआ ये बहुत बड़ी बात है लेकिन सारांश में कहूँ तो लेखको और हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने की दृष्टि से संदीप मारवाह और उनके सहयोगियों ने ये आयोजन करवाया था ! जिसमे अधिकांश ने उनके प्रशंसा के शब्द कहे और मात्र कुछ ने ही हिंदी साहित्य को लेकर अपनी गम्भीरता दर्ज कराई ! प्रत्येक आमंत्रित सदस्य के साथ उन्होंने जीवन भर एक सदस्यता सर्टिफिकेट देकर सभी को खुश कर दिया जिसमे मै भी शामिल था !! कोई शक्ल से ही इतना प्यारा लग सकता है ये कह पाना मुश्किल है ! शायद पूर्व जन्म य शायद इनका और मेरा जन्म एक ही महिना जनवरी में होने जैसा इत्तेफाक भी !! वहां चर्चा के पश्चात् सभी ने लंच करके मेल-मिलाप करने के बाद सब अपने अपने रास्ते चले गये और सभी को वहां के मैगज़ीन भी मिले जिसमे मैंने उनके बारे में और अच्छे से पढ़ा ! उन्हें जाना और खुद भी प्रेरित हुआ !! उनको मैगज़ीन के माध्यम से जानकर उनको जानने की उत्सुकता और भी ज्यादा बढ़ गयी थी और वो उत्सुकता शांत हुयी हाल ही में जब मैंने देखा कि श्रीया कत्याल जो बहुमुखी प्रतिभा की धनी है उन्होंने उनके जीवन पर आधारित  एक किताब लिखी है !!

My First Interaction With Mr. Sandeep Marwah Ji In Marwah Studio | Saransh Sagar
Pleased to meet with Author Shreeya Katyal On 30 May 2019
 ICMEI नाम से एक फेसबुक पेज से जब ये जानकारी मिली तो मैंने फटाक से फोन घुमाकर मिलने का समय माँगा ! इच्छा थी कि अपने मित्र को भी साथ ले जाऊं जो फिल्म इंडस्ट्री में समान रूचि रखते है पर उनके व्यस्त होने के कारण मिलना टालना पड़ा , खैर कुछ दिनों बाद भी यही स्थिति होने के कारण अकेला जाना ही मुझे बेहतर लगा और मै चल दिया जिसकी तस्वीर आपने मेरे पुराने पोस्ट पर अवश्य देखी होगी !! 30 मई 2019 को उनसे किताब खरीदने के बहाने श्रीया कत्याल जी से जब मिला तो मैंने देखा कि उनके ४० मिनट में बात चित से जो  सकारात्मक बातें सामने आई उससे मुझे समझ आ गया कि ये कहीं न कहीं संदीप मारवाह जी के कर्मो का परिणाम है कि आज इतने अच्छे और आध्यात्मिक , सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से वो यूनिवर्सिटी चल रहा है ! उनके सकारात्मकता का पहला उदाहरण इस बात से भी मुझे चला था जब गेट के अंदर प्रवेश करते ही शिव जी का मंदिर मुझे दिखा !! ये भक्ति इससे पहले गुलशन कुमार जी की सुनी थी और दूसरी साक्षात् संदीप मारवाह जी है !! मेरे मित्रगण जानते है कि मै व्यस्त दिनचर्या में इतना फंसा हूँ कि लिखना बंद सा कर दिया है पर कुछ व्यक्ति ऐसे होते है जिनके लिए सोच सोच कर और देर करके आत्म ग्लानी सी होती है और यही कारण है कि रात के  00:56am हो रहे है और मै अपना अनुभव लिखे जा रहा हूँ !! खैर अब चर्चा करते है किताब के बारे में !! अभी तक तो संदीप जी से मेरा परिचय होने का कारण और स्रोत आपको बताया !! क्योंकि जानने की अधीरता काफी अधिक थी सो किताब आखिरकार ले ही लिया और लेने के पश्चात ये भी कहा कि मै इसे एक बार में ही पढना चाहता हूँ और अभी कुछ निजी कार्यो से व्यस्त हूँ इसीलिए तभी खोलूँगा जब कुछ काम निपटा लूँ ! खैर एक बार में तो संभव नही हो सका गर्मी , बिजली और थकान के कारण पर तीन बार में किताब पढ़ ही ली  और जो बातें और चीजे सीखी है वो कुछ बिन्दुओं में आप के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ !!!

  • कभी किसी के बोलने से खुद को छोटा य कम मत समझो !! अगर आप ईमानदार और अपने कर्मो,कर्तव्यों के प्रति सच्चे हो तो आप को अपनी कीमत अच्छे से पता होगी बस समय आने पर वो स्वतः प्रकट हो जाएगी !!  
  • जीवन में सबके समस्या आती है इसीलिए कभी किसी के जीवन से ईर्ष्या नही करो और जो मिला उसी को बेहतर और अच्छा बनाने का प्रयास करो जो संदीप मारवाह जी ने सीमित साधनों में किया !!
  • बड़े बड़े काम वक्त लेते है और जिनमे धैर्य नही होता वही आपको जल्दी जल्दी करने की नसीहत य अपेक्षा करके आपका मनोबल गिराते है !!


ये तीन कुछ खास प्रेरित करने वाली बातें लगी जो मेरे जीवन में बचपन से साथ चली आ रही है , पहले तो मै भी दूसरो की बातें सुनकर ,सोचकर खुद को कम आंक लेता था , थोड़ा खुद के जीवन के परेशानियों से दूसरो के जीवन जीने की इच्छा रखता था और दूसरो के बोलने से जल्दी जल्दी काम करने की इच्छा रखता था पर समझ आ गया ! मीठा आम पकने में समय लगता है और जिसको आम जल्दी खाने है तो कृतिम रूप से बाजार में विधि मौजूद है पर उसका नतीजा सबको मालूम है क्या होता है ! कहने का मतलब है कि जीवन में शॉर्टकट का कोई अच्छा अंत नही होता ! उसका अंत हमेशा दुःख दाई होता है ! इनके पुस्तक से एक बात ये भी देखी है कि कम उम्र में इन्होने काफी दुःख देखे , शायद मेरे से ज्यादा य मेरे से कम , ये ईश्वर साक्षी है और इसी कारण आज इनमे एक नेत्रत्व क्षमता,सलाहकार,और तमाम अच्छे गुणों से युक्त आज ये बन पाए ! काफी तपे है , काफी ठोकरे खाई पर बचपन से अपना लोहा इन्होने मनवाया है अपने मधुर व्यव्हार से तो वो इनके जीवन में हमेशा काम आया है !!

इनके किताब से ये बात जान्ने को मिली कि किसी भी परिस्थितियो में इन्होने अपने सिद्धांत और जीवन जीने के तरीको को नही बदला ! आवास बदला,स्थितियां जरुर बदली पर ये अपने वजह से सबको बदल बैठे और यही महान इंसान की खासियत होती है कि वो अपने गुणों के प्रकाश से अपने आस पास के क्षेत्र के सभी लोगो में वैसा ही गुणात्मक विकास और प्रकाश कर देता है !!

इनका जन्म 3 जनवरी 1960 को हुआ था और जो भी फ़िल्मी जगत में रूचि रखते है मेरी तरह , उनको बता दूँ इनके महान लक्ष्य के साथ लोग इन्हें अनिल कपूर जी के बहन श्री रीना कपूर के पतिदेव के रूप में भी जानते है  ! और सोनम कपूर प्रसिद्ध अभिनेत्री के ये फूफा जी हुए ! एक मध्यम परिवार से तालुक रखने वाले संदीप मारवाह जी के जीवन में आज वर्तमान में उनकी स्थिति एक करिश्मा से कम नही है पर इस सबके लिए उन्होंने कितना संघर्ष किया है ये और बेहतर जानने के लिए ये किताब अवश्य पढ़े -- https://amzn.to/2YVViWY

संदीप मारवाह के जीवन में जो परेशानी आई है वो परेशानी तो एक सी नही है पर परेशानी जरुर है और सबसे बड़ी बात है उनके मार्गदर्शक जो बचपन से ही उनके और पूरे परिवार के आदर्श रहे और अपने अच्छी आदतों के कारण संदीप मारवाह जी के भी आदर्श व् गुरु रहे और आज जो कुछ भी है उसमे वो सबसे प्रथम धन्यवाद अपने पिता जी को ही करते है और उन्ही को इस सबका श्रेय देते है !

ये उनके मुंह से भी सुना और किताब में पढकर और यकीन हो गया ! इस रोमांचक जीवन को चटकारा लेकर पढने के लिए अवश्य खरीदे ये किताब !! संभव हुआ तो फिल्म भी बन जाये तो और अच्छा खैर अंत में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे मेहनत का कार्य जो किया है श्रीया कत्याल जी ने उसके लिए वो बधाई की पात्र है ! बड़े ही मजाकिया , सुंदर और परिपूर्ण तरीके से जो संदीप मारवाह के जीवन को दर्शाया है अपने शब्दों के प्रति वो इनके होनहार और आने वाले समय में एक महान लेखिका होने का प्रमाण है ! ये शुरुआत इतनी जबर्दस्त रही हो तो भविष्य कैसा होगा ये भी बड़ा रोमांचकारी है !! खैर किताब पढ़कर पैसा वसूल हो गया !! पढ़कर ऐसा लगेगा जैसे मुझमे भी है संदीप मारवाह ! खैर हर फिल्म को देखने के बाद हीरो की फीलिंग सबको आती है पर इसमें मैंने इनको खुद में ज्यादा महसूस किया क्योंकि विचार,व्यवहार और जीवन काफी मेल खाते है दोनों के !!
आप सभी का मेरा इतना लम्बा लेख पढ़ने के लिए भी दिल से शुक्रिया !! -
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नोट -  जो किताब नही खरीद सकते है वो youtube या ब्लॉग पढ़कर सीमित जानकारी ले सकते है खैर मेरा इतना समय देना आपके लिए काफी होगा ही !! 



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