एक शिक्षाप्रद कहानी - बैकअप बनाकर रखिये | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


एक शिक्षाप्रद कहानी  - बैकअप बनाकर रखिये | Gyansagar ( ज्ञानसागर )बेटे से काम लेने के आदि हो चुके पिता को तब चिंता सताने लगी जब देर तक सोने की आदत ने उनकी कमाई पर हमला बोल दिया !! क्योंकि सुबह सुबह कार्तिक ही दुकान खोलता और वहां सुबह के 10 बजे तक बैठता था। अब कार्तिक कॉलेज जाने लगा तो न नींद पिता जी की खुलती न ही दुकान पर कमाई अच्छी होती क्योंकि अधिकांश कमाई का हिस्सा तो सुबह ही होता था। क्योंकि मैं उसका मित्र था तो ये जानने के लिये रोज उसके दुकान और घर के बाहर से चक्कर मार आता और इसी बहाने प्रातः सैर भी मेरी हो जाती ! कुछ दिनों बाद अंकल दिखे और जब सुबह सुबह दुकान न खुल पाने का कारण पूछा तो अफसोस करते हुए बताने लगे कि बेटा अब कॉलेज जाने लगा है, उसके परीक्षा नजदीक है तो एक्स्ट्रा क्लास भी होने लगी है ! मैं घर के कामों से फुर्सत नही निकाल पाता तो देर हो जाती है खोलने में !! एक तरफ उन्हें अपने बेटे के कॉलेज जाने और पढ़ने की खुशी तो थी पर दूसरी तरफ अपने दुकान पर उचित समय न दे पाने का अफसोस उनकी शक्ल पर साफ झलक रहा था ! अक्सर आज कल आश्रित और आलस्य होने की बुरी आदत लोगो मे साफ दिखाई देती नजर आ रही है जिसका खामियाजा बहुत ही पीड़ादायक होता है !! हमे कोशिश करनी चाहिये कि कोई भी कार्य य व्यापार हो उसमे हम एक अतिरिक्त श्रमिक य बैकअप प्लान लेकर चले जिससे किसी के न रहने से वर्तमान सेवा, कार्य य व्यापार प्रभावित न हो !!!



Post a Comment

Previous Post Next Post