एक मासूम सवाल - आप को कभी कभी कुछ लोग समझ क्यों नही पाते ?? | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


कोई बात नही असल में वो इनकी बेचैनी,झ्न्झुआहट है आपके प्रति कि आप कब सफल होंगे !! उनके महत्वकांक्षा है और आशायें है आपसे और शब्दों के अभाव के कारण उनका ये रूप आपको देखने को मिलता है ! ऐसे में इनके गुस्से और ताने को सकारात्मक ले , नकारात्मक नही क्योंकि आज हर कोई खुद को तुलना करके ही खुश व् संतुष्ट हो रहा है और होता रहा भी है ! सबको किसीसे उप्पर जाना है इस चीज की होड़ है ! इस संसारी जीवन में हर कोई अध्यात्म की समझ रखे ये संभव भी तो नही !!! लेकिन आप स्वयं के प्रति विश्वास रखे !! उन्हें भी रौशनी दिखेगी जो आपको दुश्मन समझ बैठे है और मन का काला चश्मा एक दिन जरुर हटेगा ! आप सबको खुश व् संतुष्ट नही कर सकते पर परमात्मा के न्याय व्यवस्था में आप हमेशा विश्वास रखे ! खुद को दूसरो से बेहतर बनाने की कभी न सोचे , अपनी क्षमता पहचाने और उस सीमा को पार करने की चेष्टा हेतु प्रयासरत रहे !!


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