एक सामाजिक चिंतन - धर्म की आड़ में सूफी बाबा वाले य अन्य धर्म के फर्जी ठेकेदारों से सावधान रहे !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

एक सामाजिक चिंतन - धर्म की आड़ में सूफी बाबा वाले य अन्य धर्म के फर्जी ठेकेदारों से सावधान रहे !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि भारत में तमाम ऐसे दृश्य देखने को मिल जायेंगे लेकिन धर्म की आड़ लेकर के ऐसे फर्जी सूफी ,बाबा वाले लोग हमेशा जनता को उल्लू बनाते रहेंगे !! मीडिया वाले शुरू से ही हमारे हिन्दू धर्म के बाबा व् संतो के स्कैंडल को ही दिखाते रहते है जैसे कि सारे फर्जी लोग इसी में है ! जबकि सच तो ये है कि नकली और फर्जी किसी भी वर्ग विशेष , धर्म विशेष में पाए जा सकते है ! कई साधू संतो जो फर्जी होते है , उनकी वास्तविकता और धर्म की हकीकत का भी पता नही होता और कई बार तो मुस्लिम संगठन के लोग ही साधू , संत वेश धारण करके हमारे सनातन धर्म को कलंकित करने का काम करते रहे है और अगर हिन्दू धर्म ही कोई ऐसा आये तो वो भी सजा और निंदा का पात्र है लेकिन मीडिया का दोगला चेहरा तब सामने आता है जब इस्लाम के हितैषी चादर लेकर के पुरानी डेक पर सूफी गाना बजाते हुए चंदा इकट्ठा करते है अंग्रेजी शराब के ठेके पर शराब पीते है ! ये सचमुच दयनीय और घोर शर्मनाक है !! जनता को चाहिए कि वो पता करे और प्रश्न करे कि उसके दिए गये दान , चंदे का मंदिर , मस्जिद और ऐसे भेड़िये , जाहिल गवार लोग क्या करते है ! पुनीत कार्य में अगर दान दिया जाये तो वो अच्छा भी है और अगर शराब पिलाने के लिए दान दिया जा रहा है तो वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है !! जनता को समझना होगा कि दान पुण्य जरूरत मंदों और उस दान का सदुपयोग करने वालो को ही दिया जाना चाहियें न कि भावनाओ की आड़ में आप किसी को दान दे और वो शराब और अपनी अय्याशियों में मजे लेकर आपकी श्रद्धा को तार तार करे ! दान पुण्य करने से पहले एक बार इस तस्वीर को जरुर देख ले !





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