जानिये टेलीविज़न मीडिया व् सोशल मीडिया का जन जीवन पर प्रभाव व् उसके व्यापारिक लाभ | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

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आज तकनीक के साधन से हम और आप काफी ऐसे समस्या का समाधान कर निकालते है जिसे पहले करने में काफी समय लगता था चाहे वो कैलकुलेटर हो या गणित के कठिन सवाल  ! आज हर काम गणित सम्बन्धी य कोई भी ऐसा काम जिसमे मनुष्य के मस्तिष्क श्रम की आवश्यकता होती थी उसे आज मशीन , कंप्यूटर, मोबाइल व् रोबोट की मदद से किया जा रहा है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में मनुष्य के सभी काम रोबोट करेंगे और उसके लिए काफी जॉब व् नौकरी निश्चित तौर पर छुटेगी !! या यूँ कहे काफी लोगो को अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा !!


MOBILE PHONE RADIATION

अब आते है मुद्दे की बात पर ! इस बढ़ते तकनीकी साधनों से ये हुआ है कि हम इसके आदि हो गये है और हम इसके दुष्परिणाम को य तो जानना नही चाहते य स्वीकार ही नही करना चाहते ! जैसे मोबाइल व् इंटरनेट सेवा देने वाले गैजेट जसी मोबाइल,लैपटॉप,टीवी व् अन्य कोई भी गैजेट से रेडिएशन निकलता है जो हमारे शरीर की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है और जिसके ज्यादा इस्तेमाल से हाथ काफी नाजुक व् कमजोर भी हो जाते है ! ये साधन के अपने लाभ व जरूरते है ! अवसाद ,नींद कम लगना,गुस्सा ,बेचैनी आदि ये सब समस्या इन सबके संतुलन रहित प्रयोग से जन्म लेती है   लोग इस ही दिशा में एंटी रेडिएशन वाले कवर भी बेचते नजर आते है जिसका दावा हम नही करते लेकिन ये अवश्य मानना होगा कि बढ़ते तकनीकी सहूलियत के साथ साथ उसके हानिकारक प्रभावों को कम करके बताया जाता है जो अपने आप में काफी नुकसानदेय है !

चलिये बात करते है टेलीविजन के बारे में जो सबसे ज्यादा भारत में देखी जाती है 

जैसे कि हमने आपको बताया कि टेलिविज़न समय बिताने का एक बेहतरीन उपकरण है पर अगर टेलीविज़न देखना आदत बन जाए तो यह आपका महत्वपूर्ण समय भी बर्बाद कर सकता है। ना सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी टेलीविज़न की लत का शिकार बन जाते हैं जिसके कारण वह अपने पढ़ाई के समय पर भी टीवी देखने लगते हैं जिससे उनके शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए टेलीविज़न देखने का एक निर्धारित समय तय किया जाना चाहिए जिससे यह आपकी आदत ना बन सके। भले ही आपके घर पर पुराने जमाने का टेलीविज़न हो या आधुनिक युग का टेलीविज़न ! ज्यादा देखने पर आँखो पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता ही है। लम्बे समय से टीवी व् मोबाइल देखने से आँखों पर दबाव पड़ता है।

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 कई शोधकर्ताओं ने पाया है कि लंबे समय तक टेलीविज़न देखने से आंखे खराब व् चश्मा भी लग सकता है ! इसलिए टेलीविज़न देखने का एक निर्धारित समय होना चाहिए। सभी लोगों को टेलीविज़न को एकदम पास बैठ कर नहीं देखना चाहिए। टेलीविज़न जितना बच्चों के लिए अच्छा, उतना ही ज्यादा खतरनाक भी है। कुछ ऐसे टेलीविज़न शो होते हैं जो बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डालते हैं और अब ये सब बात तो सामान्य सी होने लगी है !

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कुछ ऐसे +18 TV चैनल या शो, कुछ क्राइम से जुड़े शो या कुछ ऐसे विज्ञापन जो बच्चों के लिए बिलकुल सही नहीं है पर खुले आम टीवी पर चल रहे हैं। हमें यह समझना होगा कि टेलीविज़न पर क्या बच्चों के लिए सही है और क्या बुरा क्योंकि इससे बच्चों का व्यवहार बदल सकता है और उनके मन पर बहुत ही बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। इसीलिए आजकल बहुत सारे टेलीविज़न या सेट टॉप बॉक्स पर चैनल लॉक की सुविधा दी गई है जिसमें अगर आप चाहें तो कुछ ऐसे चैनल्स को लॉक कर सकते हैं जो बच्चों के देखने के लिए सही नहीं हैं।

टेलीविज़न जरूरत से ज्यादा देखने पर कई प्रकार के बुरे प्रभाव शरीर पर पड़ते हैं। जैसे की हम पहले एक बता चुके हैं ज्यादा नज़दीक से टेलीविज़न देखने से आँखो पर दवाब पड़ताबी ही है और आँखें कमजोर हो जाते हैं। कुछ लोग टेलीविज़न के आदी हो जाते हैं जिसके कारण वह अपने खाने, पीने और सोने का समय भी भूल जाते हैं। ऐसे में अनिद्रा, अपचन, और कई प्रकार के मस्तिष्क से  जुड़ी बीमारियाँ होने का खतरा रहता है। कुछ लोग टीवी देखते हुए खाना खाते हैं जिसके कारण वह जरुरत से ज्यादा खा लेते हैं और वही उनके मोटापे का कारण बनता है। कई देर तक एक ही मुद्रा में बैठने से भी हायपरटेंशन या ह्रदय रोग होने का खतरा रहता है। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं टेलीविज़न परिवार के साथ समय बिताने का एक बेहतरीन ज़रिया है, परंतु कुछ ऐसे लोग होते हैं जो टेलीविज़न देखने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उनके पास अपने परिवार के लिए समय होता ही नहीं है।यह वह लोग होते हैं जिन पर टेलीविज़न पूरी तरीके से हावी हो चुका होता है ऐसे लोगों को टेलीविज़न के लगभग सभी प्रकार के नुकसान झेलने पड़ते हैं चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़े हो या फिर कोई अन्य।

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जहां टेलीविजन की सर्वक्षेत्रीय उपयोगिता के बारे में दो राय नहीं हो सकती, वहीं दूसरी ओर हमारे बच्चों, किशोरों और नवयुवकों पर पड़ रहे इसके दुष्परिणामों के बारे से भी आम सहमति है । टेलीविजन ने हमारे घरों में प्रवेश करके नयी पीढ़ी को अपने मोह जाल में फंसा लिया है । नवयुवकों के मन पर इसकी पकड़ मजबूत होती जा रही है । इसके प्रभाव से बच्चों में एक नई संस्कृति विकसित हुई है और हो रही है, जो अनेक दृष्टियों से भारतीय परिवेश के साथ मेल नहीं खाती । एक विचित्र बात यह है कि टेलिविजन देखने के सम्बन्ध में बच्चों का रवैया कतई समझौता वाला नहीं है । खान-पान, वस्त्र, खेल-कूद आदि तमाम बातों के सम्बन्ध में वे समझौता कर लेते हैं, किन्तु टेलीविजन देखना इनका अपवाद है । बच्चों में टेलीविजन चलाकर इसके सामने बैठे रहने की लत पैदा हो गई । ‘लत’ इसलिए कहना ठीक है कि टेलीविजन देखे बिना उसका मन अतृप्त रहता है और उनकी इन्द्रियाँ अवसादपूर्ण रहती हैं । जो व्यक्ति उन्हें टेलीविजन के सामने बैठने से रोकता है, वह उन्हें सबसे बड़ा शत्रु लगता है । लत’ इसलिए भी है कि टेलीविजन के पर्दे से चिपके रहने पर उन्हें भूख-प्यास भी नहीं सताती । इससे उन्हें कोई मतलब नहीं कि पर्दे पर आ रहा कार्यक्रम उनकी समझ में आ रहा है या नहीं, उन्हें बस देखते रहने से मतलब है

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किन्तु इसका अर्थ यह कदापि नहीं है कि इससे उनको कोई हानि नहीं होती, केवल उनका बहुमूल्य समय बर्बाद होता है । बच्चे टेलीविजन के पर्दे पर जो कुछ भी देखते हैं, उसका प्रभाव, अच्छा या बुरा, अवश्य पड़ता। बच्चों में इतना विवेक नहीं होता कि वे सही और गलत में भेद कर सकें !उनमें इतना संयम भी नहीं होता कि वे मात्र अच्छाई को अपनायें और बुराई का त्याग कर दें । अत: टेलीविजन के पर्दे पर जो कुछ भी आता रहता है, वह सब बच्चों पर अपनी छाप-सकारात्मक और नकारात्मक डालता रहता है । इस छाप की बच्चों के चरित्र-निर्माण में बड़ी नाजुक भूमिका, तात्कालिक ही नहीं, दूरगामी भी होती है । इसी प्रक्रिया से बच्चों में विविध संस्कार विकसित और दृढ़ होते हैं । अगर हम आसान शब्दों में सोचें तो टेलीविज़न मात्र उन लोगों के लिए एक सही उपकरण है जो कुछ समय इसका इस्तेमाल करके मन को शांत या आराम देना चाहते हैं। परंतु यह उन लोगों के लिए बिलकुल सही नहीं है जो इसे अपनी आदत बना रहे हैं। अगर आप भी धीरे-धीरे टेलीविज़न देखने मैं व्यस्त होते जा रहे हैं इसके नुकसानों को समझे और टेलीविज़न देखने का एक निर्धारित समय तय करें और विषय निर्धारित करे।

सोशल मीडिया को इस्तेमाल करने के फायदे

जानिये टेलीविज़न मीडिया व् सोशल मीडिया का जन जीवन पर प्रभाव व् उसके व्यापारिक लाभ | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है जिसके बहुत सारे फीचर हैं, जैसे कि सूचनाएं प्रदान करना, मनोरंजन करना और शिक्षित करना मुख्य रूप से शामिल हैं। लोकप्रियता के प्रसार में सोशल मीडिया एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां व्यक्ति स्वयं को अथवा अपने किसी उत्पाद को ज्यादा लोकप्रिय बना सकता है। आज फिल्मों के ट्रेलर, टीवी प्रोग्राम का प्रसारण भी सोशल मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है। वीडियो तथा ऑडियो चैट भी सोशल मीडिया के माध्यम से सुगम हो पाई है जिनमें फेसबुक, व्हॉट्सऐप, इंस्टाग्राम कुछ प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं।


इसी से इसकी ताकत का अंदाजा लगता है। देश में करोड़ो लोग इसका इस्तेमाल कर रहे है। आजकल हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन, बड़े बड़े राजनेता, खिलाड़ी, मशहूर हस्तियाँ सोशल मीडिया पर सक्रिय है। सोशल मीडिया मूल रूप से आज के दौर में संचार का सबसे बड़ा साधन है। यह आज के मानव के दैनिक जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन चुका है। यह लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। सोशल मीडिया देश-विदेश में हो रही किसी भी घटनाओ को लोगों तक तुरंत पहुंचाने का काम करता है। सोशल मीडिया का प्रयोग कंप्यूटर, मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप आदि किसी भी साधन का उपयोग करके किया जा सकता है। सोशल मीडिया अब संसार का सबसे तेजी से संचार होने वाला माध्यम बन चुका है। इसकी लोकप्रियता भी लोगों में काफी बढ़ती जा रही है। इसका प्रयोग हर उम्र के वर्ग के लोगों के द्वारा किया जा रहा है।

सोशल मीडिया का रोजमर्रा के जीवन में शामिल होना  व् उसके व्यापारिक लाभ 

एक समय था जब सोशल मीडिया पर पहुँच मात्र कुछ एक वर्ग तक सीमित थी। लेकिन आज के समय में जिस किसी के पास स्मार्टफोन है वह सोशल मीडिया से दूर नहीं। गृहणी हो या कामकाजी लोग, बच्चे हों या बूढ़े, यह सबको उनकी जरूरत के हिसाब से दुनिया से जोड़े रखता है। लोगों को आपस आपस में जोड़ने से बढ़िया तरीका इसके अलावा और कोई नहीं हो सकता। जिन लोगों से हम वर्षों से नही  मिले उन्हें मिलने का सोशल मीडिया से बढ़िया तरीका और क्या हो सकता है। लोग भी खुश हैं कि आजकल के व्यस्त समय में अगर हम किसी से मिलने नहीं जा सकते तो कम से कम फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप् आदि के जरिये वे एक दूसरे के बारे में मालूम तो कर ही लेते हैं। व्यापार के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। लिंकेडीन जैसी सोशल मीडिया साइट व अन्य साईट से तो आय का का स्रोत भी काफी लोगो के लिए बन गया है।

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ऑनलाइन सफलता सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग के साथ आती है। आप अपने बिजनेस, व्यापार का प्रचार, प्रसार इस पर कर सकते हैं। जिन लोगो ने कोई कम्पनी बना रखी है वो अपना प्रचार यहाँ कर सकते है। इससे उनको नये ग्राहक मिलते है। उनकी आय बढ़ जाती है।सोशल मिडिया आजकल ज्ञान का नया भंडार बन गया है। इस पर हर तरह की जानकारी आप पा सकते है। किसी भी सवाल का जवाब एक्सपर्ट से पूछ सकते है। इस तरह से यह ज्ञान का भंडार भी है। साथ ही आजकल बड़े बड़े संस्थान , कोचिंग, टीचर, प्रोफेसर सोशल मिडिया जैसे यूट्यूब पर पढ़ाते है। ये बिल्कुल मुफ्त होता है। यहाँ तक कई नामी विश्वविद्वालयो ने निःशुल्क डिग्री व् शिक्षा की भी सुविधा दी है जैसे गूगल डिजिटल मार्केटिंग व् आदि  विद्दार्थियों को कोई पैसा नही देना पढ़ता है। गरीब छात्र भी यहाँ से पढ़ सकते हैं। लोग अपना चैनल बनाकर अपने विडियो, पोस्ट लगाकर हजारो लाखो हर महीना कमा रहे है। यूट्यूब जैसे प्लेटफोर्म पर आज लाखो लोगो ने अपने चैनल बना लिए है। वो अपना हुनर दिखाकर पैसा कमा रहे है। कॉमेडी शो बनाकर, पढ़ाकर, गानागाकर, एक्टिंग करके लोग हजारो लाखो रुपये कमा रहे है। इस तरह से सोशल मीडिया ने रोजगार के नये अवसर खोले है। तथा इसे एक समाचार माध्यम के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। आप सोशल मीडिया व् अन्य तकनीक के साधनों का उपयोग किस प्रकार कर रहे है कमेंट बॉक्स में जरुर बताये !

यदि आपको कोई डिजिटल सेवा , सर्विस के बारे में जानना व् पता करना हो तो आप हमे digitalsaransh@gmail.com पर मेल करके पूछ सकते है ! 

लेखक - करन सूद 

Saransh Sagar

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