स्रोत - पत्रिका
करोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है , इसी के चलते लॉकडाउन की समय सीमा भी बढ़ने की उम्मीद हो रही रही है। लोगों के नियमों के पालन ना करने के कारण इस समस्या ने व्यक्ति पर अपनी पकड़ बना रखी है !! उम्मीद की जा रही है कि सरकार द्वारा लॉकडाउन बढ़ाने की सोच से कोई अच्छा नतीजा जल्द ही देखने को मिले ।
इसी के साथ - साथ लोगों में भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद जैसी बात फिर से शुरू हो गयी है , लोग टीवी पर सुबह नौ बजे और रात नौ बजे रामायण व दोपहर बारह बजे और शाम सात बजे महाभारत देखने के पश्चात् खुद को अपनी संस्कृति से जुड़ा महसूस करते है खूबसूरत व गौरवशाली इतिहास होने पर खुद को महान देश का हिस्सा मानते है ! कइयो के लिए तो ये पिकनिक जैसा है और कइयो के लिए भारतीय आयुर्वेदिक पुस्तको का अध्ययन करने का उत्तम समय ! रोज इंटरनेट में रामानंद सागर जी के जीवनी और उस समय के प्रचार से लेकर तमाम धारावाहिक सीरियल देखने को सरकार से मांग करते नजर आये ! कुछ शक्तिमान , तो कुछ महाभारत तो कुछ सोनपरी आदि आदि !!
ये भी पढ़े - रामानंद सागर जी की जीवनी हिंदी में
भारत की संस्कृति को आप जितना समझने का प्रयत्न करेंगे उतना ही अपनी संस्कृति के प्रति आस्था बढ़ती जाती है ! दूसरी ओर हम देख पा रहे है कि लोग कोरोना वायरस से बचाव के आयुर्वेदिक उपचार अपने घरों में करते नज़र आ रहे है , तुलसी के पौधे के प्रति लोगो की आस्था इतिहास काल से ही प्रचलित है जहां हम तुलसी के पौधे से संस्कृतिक रूप से जुड़े है व उसकी पूजा भी करते है वहीं हमें तुलसी के पौधे से आयुर्वेदिक लाभ भी प्राप्त होते है ! जैसा की ऋषि मुनियों ने पूजा पाठ आदि में तुलसी,पीपल,केले के वृक्ष को पूजनीय मान्यता देकर हर घर ये पेड़-पौधे को शामिल करवाया और यही प्रयोग व् उनकी दूरदृष्टि पर आज लोग गौरव प्रकट कर रहे है !
वैसे तो आज कई नियम,धर्म भारत में घर घर सामर्थ्य अनुसार व् समय समय पर अपनाया करते है पर कर्म कांड के पीछे ऋषि मुनियों की बहुत बड़ी वैज्ञानिक रणनीति थी जैसे हर पूजा त्यौहार में नारियल का अनिवार्य होना ऐसे ही तमाम नियम व् वैज्ञानिक बातें है जिसपर अगर हम रिसर्च करे तो शायद हम लिखते लिखते थक जाये य वो शब्द किताब का रूप ले ले ! गाय को गौ माता कहना भी शायद इन्ही वैज्ञानिक कारण के चलते होगा ! उम्मीद है आपको भारतीय संस्कृति व् आयुर्वेद के प्रति लोगो के बढ़ते प्रेम वाली पोस्ट काफी पसंद आई हो और आप भी अपने सुझाव व् विचार अवश्य प्रकट करेंगे !!
स्रोत - नवभारत टाइम्स
इसी में साथ फिर आपके समक्ष किसी अन्य विषय के साथ मिलूंगी तब तक के लिए घर में रहे सुरक्षित रहे, साफ सफाई का ख्याल रखे और अपनी संस्कृति के प्रति आस्था बनाए रखे । किसी विषय पर लेख प्राप्त करने के लिए हमे ईमेल करे info@gyansagar999.com.
लेखक - मनीषा राज सिंह
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