मानवता के “दीपों” से देश मे दीवाली जैसा माहौल ! जानिये पूरी कहानी | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

प्रधानमंत्री के आह्वान पर 5 अप्रैल 2020 को मानवता के “दीपों” से देश मे दीवाली जैसा माहौल ! जानिये पूरी कहानी | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


मानवता के “दीपों” से देश मे दीवाली 

दुनियां के सभी धर्मो का मूल मानवता है। मानवता ही मानवीय गुणों का सार है। यह मानवीय गुण अहिंसा, परोपकार, नैतिकता, मर्यादा, संयम, सहानुभूति, सदाचार, ईमानदारी, संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा आदि है। मानवता संकीर्णता, स्वार्थ और सांप्रदायिकता से परे है। त्याग, समर्पँण और सेवा ही मानवता के आधार है। अत: दुनियां मे मानवता ही सबसे बढ़कर है। जो यह सुनिश्चित करती है कि हम मानव होने के पैमाने पर कितने उतर पाए है। वास्तव मे मानवता का मर्म केवल मानव के साथ विनम्रता से पेश आना भर नही है, बल्कि पशुओ और पक्षियों, सूक्ष्म से लेकर विराट जीवों में भी आत्मा के अस्तित्व को स्वीकारते हुए उनके साथ भी समान दृष्टि से व्यवहार करना है।

ऐसा ही कुछ 5 अप्रैल की रात 9 बजे देश मे देखने को मिला, जब पूरा देश मानवता और एकजुटता के दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। यह दीवाली तो नही थी लेकिन इसका अनुभव दीवाली से कम भी नही था। वास्तव मे यह करोड़ो भारतीयों के समर्थन और एकजुटता की दीवाली थी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश ने एक साथ मिलकर ये दीवाली मनाई। कुछ लोगों ने पटाखे भी फोड़े तो कुछ लोगो ने टोर्च वगैरह भी जलाए !
कोरोना के खिलाफ युद्ध मे देशवासियों ने यह दिखा दिया कि इस महामारी के बीच लोगो की सेवा मे लगे स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस के जवानो और अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग अकेले नही है बल्कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है। भले ही अभी कोरोना से लड़ाई लम्बी चलने वाली है लेकिन 9 मिनट तक जगमगाते दीपों की रोशनी ने यह दिखा दिया कि करोड़ो भारतीय पूरी तरह से एकजुट है और आपके नेतृत्व के साथ है।

आज के समय मे जहां छल, कपट, द्वेष की कलुषित भावनाएं चरमोत्कर्ष पर है वही दूसरी ओर बिना किसी स्वार्थ के लगातार लोगो की सेवा मे लगे हमारे देश के पुलिस के जवान, स्वास्थ्यकर्मी और अन्य सेवाओं मे लगे कर्मचारी मानवता का सर्वश्रेष्ट उदाहरण पेश कर रहे है। करोड़ो भारतीयों की दुआऐं हमेशा इनके साथ है। और यही लोग पूरे देश के लिए मानवता के जगमगाते दीप है ! 

इस प्रकरण के बाद ये विश्वास हो गया है कि ऐसे महामारी को लेकर इस तरह के टास्क से देश की जनता का मनोरंजन तो हो ही रहा है साथ ही साथ ,सहयोग व् एकता का प्रदर्शन भी दिख रहा है ! जो पड़ोसी शहर में एक दूसरे को जानते नही थे वो भी सब को जानने लगे है कि कौन किसका क्या पेशा वगैरह है ! हालाँकि इस दीप जलाने वाले प्रयास को भी बहुतो ने निंदा की है साथ ही कुछ लोगो ने जय हिंद , वन्देमातरम के नारे लगाये तो कुछ ने जय माँ भारती के नारे ! जो अपनी अपनी अभिव्यक्ति है लेकिन प्रेरित करने वाली बात ये निकलती है कि देश को देश के प्रधानमन्त्री पर भरोसा है कि जल्द ही इस महामारी वाले संकट से निजात पाया जा सकेगा !!
लेखक - करन सूद 


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सारांश सागर

सारांश सागर द्वारा प्रकाशित किया गया

अनुभव को सारांश में बताकर स्वयं प्रेरित होकर सबको प्रेरित करना चाहता हूँ !             

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