मूलांक 2 का विश्लेषण : ज्योतिष ज्ञानसागर | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


मूलांक 2 का विश्लेषण : ज्योतिष ज्ञानसागर | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

मूलांक 2 का विश्लेषण : ज्योतिष ज्ञानसागर

ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति का किसी भी अंग्रेजी महीने की २, ११, २0, २९ तारीख को जन्म हुआ हो तो उसका जन्म मूलांक ‘२’ माना जाता है। इस अंक का स्वामी चंद्रमा है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह शीतलता एवं कोमलता का प्रतीक है।

स्वभाव :

मूलांक २ जलीय अंक है और चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह है। ऐसे व्यक्ति मानसिक शक्ति से ओतप्रोत होते हैं। धैर्यवान होने के कारण बड़े-बड़े संकटों में भी लक्ष्य से विमुख नहीं होते। ये सौंदर्यप्रेमी, कलाप्रिय, भावुक और रुमानी विचारधारा के होते हैं।
यह अंक कल्पनाशीलता का प्रतीक है। भिन्न-भिन्न विचारधाराएं मन-मस्तिष्क पर हावी रहती हैं। कोमल भावनाओं के कारण क्षणिक हानि भी इनको विचलित कर देती है। बुद्धि से सफलता हासिल करते हैं।

स्वास्थ्य :

चंद्रमा का फेफड़ों पर विशेष अधिकार है। उम्र के मध्य तक आते-आते ये अजीर्ण के शिकार बन जाते हैं। मूलांक २ वाले व्यक्तियों को टीबी, खांसी, जुकाम, नजला होने की आशंका रहती है। अनिद्रा और अवसाद जैसे मानसिक रोग भी इनके लिए परेशानी का कारण बन सकते है।


व्यवसाय एवं कार्यरुचि :

अंक २ के जातक की मानसिक स्थिति परिवर्तनशील रहती है। ये अधिक सोचते हैं, पर काम कम करते हैं। ये अक्सर नकारात्मक सोच रखते हैं। इस अंक से प्रभावित लोगों को मुख्यतया तीन प्रवृत्ति के व्यवसायों में रुचि लेनी चाहिए ; प्रथम- आयात-निर्यात, द्वितीय- ट्रांसपोर्ट और तीसरा- प्रकाशन-लेखन या काव्य सृजन इत्यादि। ऐसे लोगों को सड़क मार्ग की अपेक्षा समुद्री मार्ग से व्यापार लाभदायक रहता है। राजनीति, समाजसेवा तथा फिल्म-व्यवसाय में सदैव लाभ ही होता है।

आर्थिक स्थिति:

आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहती है। अकस्मात धन आता है, परंतु सावधानी न बरतने के कारण पूंजी के समाप्त होने का डर हमेशा बना रहता है।

प्रेम संबंध, विवाह और संतान :

जीवन में प्रेम-प्रसंगों की अधिकता रहती है, लेकिन किसी का भी स्थाई प्रभाव नहीं पड़ता। इनका पारिवारिक जीवन सुखद होता है। जीवनसाथी सुंदर, मधुरभाषी व धनी परिवार से होता है। मूलांक २ वाली स्त्रियां अच्छी पत्नियां सिद्ध होती हैं।

यात्राएं :

मूलांक २ वालों को यात्राएं बहुत करनी पड़ती हैं। इन व्यक्तियों का भाग्योदय विदेश में या नदी-समुद्र के किनारे बसे शहरों में अधिक होता है। शुभ रंग : दूधिया रंग विशेष शुभ है। क्रीम, हल्का हरा तथा अंगूरी रंग भी शुभ रहता है। काला रंग अशुभ माना गया है।
मित्र व शत्रु अंक :
१, २, ४, ७ मूलांक वाले व्यक्ति इनके अच्छे मित्र सिद्ध होते हैं। ३ और ६ अंक मध्यम एवं मूलांक ५ और ८ वाले शत्रु अंक माने जाते हैं।

शुभ तिथियां :

मूलांक २ वालों के लिए २, ११, २0 और २९ शुभ तिथियां होती हैं। इनके जीवन में नौकरी, व्यापार तथा अन्य सुखद घटनाएं २६-२७ जून से लेकर २१-२७ जुलाई, २३ अक्टूबर से लेकर नवंबर और १८ फरवरी से लेकर २0-२७ मार्च के बीच होती हैं।

शुभ दिन :

मूलांक २ वालों के लिए रविवार, सोमवार, गुरुवार एवं शुक्रवार के दिन शुभ होते हैं। मंगलवार एवं बुधवार प्रतिकूल सिद्ध होते हैं।

गुरुमंत्र :

मूलांक २ वाले व्यक्ति सोमवार के दिन, सायंकाल में चांदी के लोटे से चंद्रमा को जल अर्पित करें। चिंता, भ्रम, वहम व अनिद्रा निवारण के लिए सोते समय अपने पलंग के सिरहाने किसी बर्तन में पानी रखें। सुबह उठकर यह जल पौधे में डालने से विशेष लाभ होगा। सफेद मोती शुभ फल दे सकता है। सर्दियों में स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। पूर्णिमा की रात को चंद्रमा के समक्ष जल अर्पण करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।


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